इक उम्र लगती है जीवन को समझने में रिश्तों को पिरोने में अनुभव को बटोरने में इक उम्र लगती है किनारों को ढूंढने में साहिल से तैरने में हवाओं को रोकने में इक उम्र लगती है शहर को बसने में गाँव को भूलने में बेगानों संग जीने में इक उम्रContinue Reading

सात फेरे अग्नि समक्ष सात वचन इक दूजे संग रस्म जोड़ी गठबंधन सुंदर स्वरुप मन मोहक चितवन संगिनी के संग प्रेम प्रतीक जीवन सुख दुख त्रिवेणी संगम साथ हर पहर संगी साथी बन कटता आसान सफ़र पतझड़ मौसम का हर अलबेला राग संगिनी की खुशियाँ खुशबू सा अनुराग शिव अर्द्धनारीश्वरContinue Reading

अमावस्या की रात में  हर देहरी दीप जगमगाता  रोशनाई से धरती का  सुन्दर स्वरुप  निखर जाता भारतीय संस्कृति का  दीपावली अद्भुत त्यौहार हर आँगन चमकता  दीप मिटाता अंधकार  जगमगाती सारी धरती  खिलखिलाता संपूर्ण संसार निराशा के तिमिर छँटते आशा का होता संचार  धन धान्य की होती वृष्टि  मिलता सबको रोज़गार Continue Reading

मौन परमात्मा की प्रेरणा असीम चित्त शांति मौन दिव्यता का प्रकाश अद्भुत भक्ति शक्ति शब्द जहाँ होते शून्य वाणी का होता लोप संत महात्मा जीते जी स्वयँ को रखते रोक नवीन रहस्य मय साधना संसार दिखाता दैहिक आंतरिक तप और संयम समझाता मृत्यु के बाद सभी की होती मौन कीContinue Reading

गुहार – आदरणीय मोदी जी हिंदी को राष्ट्रभाषा देखने का स्वप्न पूरा करें।  विषय – गांधी जी और उनका हिंदी अनुराग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का हिंदी भाषा के प्रति अनुराग सर्वविदित है। अँग्रेजी भाषा के महान ज्ञानी के बावजूद वो अपना भाषण हिंदी में ही देना पसंद करते थे। उनकेContinue Reading

बापू का प्रेम अहिंसा त्याग देश के प्रति अथाह अनुराग आजादी के यज्ञ में दी आहुति सत्य भलाई निष्कर्मों की ज्योति ग्रामीण विकास हृदयी चेतना शिक्षा स्वच्छता आरोग्य प्रेरणा स्वच्छ भारत का उनका सपना मुकम्मल नहीं अब तक अपना स्वदेशी अपनाओ रोजगार बढ़ाओ कपास सूत को घर-घर पहुँचाओ विदेशी वस्तुओंContinue Reading

शास्त्र कहता है कि… काम क्रोध मद लोभ। सब नाथ नर्क के पंथ।। पर क्रोध जरूरी है क्यों? क्रोध विषाक्त ज़हर निकालना जरूरी है चित्त असीम शांति के लिए क्रोध जरूरी है संतान को सही राह दिखाने क्रोध जरूरी है अनुशासन वास्ते शिक्षक का क्रोध जरूरी है समस्या समाधान केContinue Reading

पहली कहो चाहे आख़िरी एक ही पर ये दिल आया मांग में सिंदूर भर जिसने मुझे जीवन साथी बनाया मोहब्बत को क्या नाम दूँ उसको क्या मेरा पैगाम दूँ सोचती रही कलम उठाया मैंने ख़त लिख भिजवाया आज राज खोल ही देती हूँ प्रेम की कहानी बोल देती हूँ गुलाबContinue Reading

बाबा अब मैं बड़ी हो गई हूँ मेरे हाथों को पीले करवा दो जीवन की सबसे बड़ी खुशी एक नई पहचान दिलवा दो। गणपति का शुभ वंदन करके पूजा अर्चना सुमिरन करवा दो बाबा अब मैं बड़ी हो गई हूँ मेरे हाथों को पीला करवा दो। कच्ची हरी हरी पत्तियाँContinue Reading

ख़्वाहिशों की तपिश चाँद की चाँदनी अधूरी क्यूँ है तड़प उठती मेरे सीने में दिलों की प्यास अधूरी क्यूँ है बुलबुले उठ रहे है स्वप्न जाल ये रात अधूरी क्यूँ है लबों पे ख़ामोशी घायल मन की बात अधूरी क्यूँ है चूड़ियों की खनक पायल की झंकार अधूरी क्यूँ हैContinue Reading