अमावस्या की रात में
हर देहरी दीप जगमगाता
रोशनाई से धरती का
सुन्दर स्वरुप निखर जाता
भारतीय संस्कृति का
दीपावली अद्भुत त्यौहार
हर आँगन चमकता
दीप मिटाता अंधकार
जगमगाती सारी धरती
खिलखिलाता संपूर्ण संसार
निराशा के तिमिर छँटते
आशा का होता संचार
धन धान्य की होती वृष्टि
मिलता सबको रोज़गार
गणेश लक्ष्मी का पूजन
दीप परम्परा आधार
थाली में प्रज्वलित दीप
रंगोली से सजता द्वार
आनंद उमंग प्रस्फुटित होते
खिलता हृदय अपार
दीप उत्सव हर घर होता
प्रेम सद्भावना संस्कार
तिमिर दूर मन परिष्कृत
सनातन धर्म का सार
दीप फूलझड़ी जलाकर
मस्ती लड़ियां अपार
एक दूजे को देते बधाई
मंगल कामना ढेरों प्यार
महकता सजता आँगन
कमल गुलाब गेंदा खुशबूदार
आम पत्ते दीप जला कर
रोशन घर ऑफिस मुख्य द्वार
यम का होता दीप दान
हटता अकाल मृत्यु भार
माँ लक्ष्मी की कृपा दृष्टि से
सपने होते सब के साकार
रौनक बाज़ारों में मिलती
भरपूर होता सबका व्यापार
रंगबिरंगे मिट्टी दियें बेचकर
मुस्काराता देश का कुम्हार
अबकी दीपावली बड़ी ख़ास
ईश्वर का करेंगे अति आभार
रखे सबको स्वस्थ एवं निरोग
हाथ जोड़ करे सभी नमस्कार
अपनी जीवन सुरक्षा करना
भीड़ भाड़ में मास्क लगाकर
वातावरण को स्वच्छ बनाए
हर दिन दीप जलाकर
कपूर गूगल लोहबान से
प्रदूषण को दूर भगा कर
देती ‘मधु’ दिली शुभकामनाएं
दीप पर्व का महत्व समझाकर।