मौन

मौन परमात्मा की प्रेरणा असीम चित्त शांति
मौन दिव्यता का प्रकाश अद्भुत भक्ति शक्ति 

शब्द जहाँ होते शून्य वाणी का होता लोप 
संत महात्मा जीते जी स्वयँ को रखते रोक 

नवीन रहस्य मय साधना संसार दिखाता 
दैहिक आंतरिक तप और संयम समझाता 

मृत्यु के बाद सभी की होती मौन की यात्रा
अंदर और बाह्य का मौन हज़ारों को हराता 

जागृती शक्ति से रोकते  शब्द आदान प्रदान 
चुप रहने पर लोग समझते मूर्ख और नादान 

मौन क्रोधाग्नि को शांत झगड़ों से बचाता 
संताप और क्लेश बखूबी सबसे दूर भगाता 

धड़कन जोड़ता मौन प्रेम  युवा राग गाता 
आँखों ही आँखों से अपना एहसास जताता 

मौन अंतरिम विजय का सबसे सार्थक रूप 
परम शांति स्वयं व औरों का सुखद स्वरूप 

मस्तिष्क के उत्तम विचार सर्वांगीण विकास
मौन जो रखते होते वो बड़े विशेष व ख़ास

मौन से होता नहीं किसी के अंतर्मन घाव 
उमड़ते घुमड़ते रुक जाते व्यर्थ बुरे भाव 

काग़ज पर लिखते लेखक मौनी महात्मा
विचार श्रृखंला कड़ी आत्मा व परमात्मा

मौन से बढ़ती उम्र क्षीण नहीं होती शक्ति
मौन से बढ़कर नहीं है कोई परम भक्ति। 

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