चाँद अधूरा क्यूँ है

ख़्वाहिशों की तपिश 
चाँद की चाँदनी 
अधूरी क्यूँ है

तड़प उठती मेरे सीने में 
दिलों की प्यास 
अधूरी क्यूँ है

बुलबुले उठ रहे है 
स्वप्न जाल ये रात 
अधूरी क्यूँ है

लबों पे ख़ामोशी 
घायल मन की बात 
अधूरी क्यूँ है 

चूड़ियों की खनक 
पायल की झंकार 
अधूरी क्यूँ है 

चेहरे पर मुस्कान 
आँखों की चमक 
अधूरी क्यूँ है 

दिलकश अदा 
आशिक महबूब की 
अधूरी क्यूँ है 

पहाड़ों से गिरकर 
झरने की बूँद 
अधूरी क्यूँ है 

ओस से टपकती 
दूब की ठंडक 
अधूरी क्यूँ है 

सीप से निकलते 
मोतियों की माला 
अधूरी क्यूँ है 

साँस प्रश्वास में 
आक्सीज़न की मात्रा 
अधूरी क्युँ है 

कवियों के सृजन में 
तारीफों की रंगत 
अधूरी क्यूँ है

दिल जवां सपने जवां 
मौसम की नजा़कत 
अधूरी क्यूँ है

जीवन के मेले में 
आशा की डगर 
अधूरी क्यूँ है

ज़न ज़न की प्रगति 
विकास की गति अभी 
अधूरी क्यूँ है 

सितारों की महफ़िल में 
रात की रागिनी 
अधूरी क्यूँ है

साहित्य की रचना 
सार अस्तित्व हिंदी 
अधूरी क्यूँ है

कलम की धार 
स्याही की हर बूँद 
अधूरी क्यूँ है

हीर रांझा प्यासा मन 
प्रेम की कहानी 
अधूरी क्यूँ है 

अधखिला चाँद 
गगन की चाँदनी अभी
अधूरी क्यूँ है

शायर की शायरी 
कवि की कविता अभी 
अधूरी क्यूँ है! 

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