मील का पत्थर

बरसों से बैठा ये देख रहा मैं
राहगीरों को बस आते-जाते
अटल साक्षी हूँ इस पथ का
बीते दिन यहाँ बीती हर रातें

मौसम की कभी ढलती छाया
धूल मिट्टी में सदा लिपटा रहा
कल भी था वही मैं आज भी
अपनी जगह पर सिमटा रहा

मंज़िल का हूँ संकेत वाहक
अडिग रहो यही संदेश देता
मील का पत्थर मुझे कहते
यात्री मुझसे उपदेश लेता

नारंगी रंग सड़क गांव की
हरा रंग स्टेट हाई-वे सफर
पीली पट्टी राष्ट्रीय राजमार्ग
काला नीला बताये है शहर

अंखियाँ टिकी रहती मुझ पर
कितनी दूर जाएगी ये सड़क
सफर पर यह इक मनोरंजन
हर रंगों की है अलग चमक।

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