मेरा प्यार मेरी बहार

जब से तुम आई मेरी जिंदगी में 
मानो सपनों का संसार मिल गया
एक तेरे साथ ने दिया वज़ूद मुझे 
मेरी खुशियो का अंबार लग गया

मेरा प्यार मेरी बहार ए जानेमन
खुशबु से मेरा चमन महक गया
तेरे इर्द गिर्द मंडराता भंवर बन
शुभ्र पुष्प सुंदर बाग सज गया 

नज़रों से न हो इक पल ओझल 
मुझे आशिक बना कर रख दिया 
मैं तेरा मधुर गीत तू मेरी है ग़ज़ल 
मेरी जिंदगी का साज बदल दिया 

मैं बंजारा प्रेम को क्या समझता 
मोहब्बत का अंदाज समझ गया 
यूँ ही राहों में ये मन नहीं भटकता
अंगों में दहकता पलाश बन गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *