टेसु से सजा महकता बाबुल का आँगन फागुनी हवा में खुशबु चहुँ ओर छाई है सितार वाद्य संग हो रहा शहनाई वादन साजन से प्रेम मिलन रुत देखो आई है माँ की आँखे नम चेहरे पर खुशी लेकर कलेजे के टुकड़े को दे रही वो विदाई है लाड प्यार से पाल पोसकर बड़ा किया टेसुए में आंसू की बूंदें भीतर समायी है अंतर्मन की आशीष मिले प्यारा संसार माँ के दिल से निकली बस यही दुहाई है फूलों की सेज मिले कदमों तले प्रेम धार नव सृजन नए रिश्तों की बहुत बधाई है।
2021-04-03