खाटू श्याम
खाटू के दरबार में, भक्तों की जयकार। महके इत्र गुलाब से, श्याम धणी सरकार।। भक्तों की जयकार से,गूंज उठा दरबार। महके इत्र गुलाब से,कलयुग के दातार।।
खाटू के दरबार में, भक्तों की जयकार। महके इत्र गुलाब से, श्याम धणी सरकार।। भक्तों की जयकार से,गूंज उठा दरबार। महके इत्र गुलाब से,कलयुग के दातार।।
सावन का सोमवार महादेव का श्रृंगार बम बम भोलेनाथ कृपा करो बारंबार हाथ में लेकर डमरू शिव ही प्रबंधन गुरु गले में सर्पन माला नमन वंदन मैं करूँ महादेव का तांडव डर गए देव दानव जटा में है गंगा धार पूजन करते मानव शिव है त्रिशूलधारी प्रलय असुर संहारी नटराजContinue Reading
क्या कहूँ अब तुझसे मेरे प्रभु ओ सावरें तुझे ढूंढ़ा करते हर पल मेरे ये नैन बावरे जिंदगी के मायने भी तुझसे जिंदगी की आस भी तुझसे मेरी हर साँस भी तुझसे मेरा हर वज़ूद भी तुझसे अधरों पर मधुरमयी मुस्कान प्रेम की अनोखी पहचान करें हर पल तेरा गुणगानContinue Reading
सर पर खुला आकाश पांव ज़मीं पर, ठंडे पवन के मस्त झोंके ,तन पर गिरती टप-टप बारिश की बूँदों ने रोम-रोम को पुलकित किया और प्रेरित किया मनोरम दृश्य के कुछ सुंदर भावों को पन्नों पर अंकित करने का, वही आपके समक्ष लेखनी के माध्यम से अभिव्यक्त कर रही हूँ।Continue Reading