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LOVE – Ek Pehal https://www.ekpehalbymadhubhutra.com आओ हम सब मिलकर इस एक पहल को नयी सोच और नयी दिशा की ओर ले चले। Thu, 08 Dec 2022 12:39:04 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=5.4.1 राधे कृष्णा https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/radhekrishna/ https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/radhekrishna/#respond Thu, 08 Dec 2022 12:39:04 +0000 https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/?p=1754 Continue Reading]]> दर्पण देख खूब संवर गया राधा के रूप से निखर गया  आईने को खिलता देख कर कान्हा का मन यहीं ठहर गया गोरी का कर अद्भुत श्रृंगार वेणु भी अधरों पर लहर गया प्रेमी परिंदों को नहीं पता कब कैसे कौन सा पहर गया यौवन ने ली जब अंगड़ाई चाँद धरती पर यूँ उतर गया प्रेयसी प्रियतम धरे अभिसार बाँध हृदय का टूट बिखर गया चुरा लिए चकोरी की धड़कन ध्वजा इश्क़ का यहीं फहर गया। ]]> https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/radhekrishna/feed/ 0 बैरी मन https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/bairi-man/ https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/bairi-man/#respond Tue, 09 Nov 2021 12:33:59 +0000 https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/?p=1360 Continue Reading]]> सिंदूर,बिंदिया,चूड़ी,मेहंदी,झूमके,पायल,नथ सावन की रिमझिम बूँदों में पिया मिलन की है रुत आई अश्रु भरे मेरे नयन कटोरों में कहाँ छुपा है तू ओ हरजाई यौवन सज कर खड़ा द्वार पर प्रीतम अब तो तुम आ जाओ सिंदूरी लाली की छटा मुख पर कहती प्रेम का रस बिखराओ माथे की लाल सुर्ख बिंदिया तेरे वज़ूद का देती एहसास चुरा ले गई आँखों से निंदिया बस में नहीं मेरी अपनी श्वास सात जन्मों के संग फेरे लेकर मोहपाश के बंधन से बंध गई पिया नाम की चुंदड़ ओढ़कर चूड़ियाँ भी मुझसे क्यूँ तंज गई बैरी मन भावुक हो उठा है देख गहरी मेहंदी हाथों की सजना का रंग ऐसा चढ़ा है घड़ी रुक गई अब रातों की झुमके गालों से टकरा कर सूने हृदय सिमटकर जा रहे मधुर प्रेम संगीत भूल कर मन की व्यथा को दर्शा रहे पायल की खनक में है पीर बिछुड़ी पैरों में चुभने लगी है प्रेम का अनूठा मानस मंदिर आँच लौ की बुझने लगी है नथ मेरी बोल रही ओ बालम कठिन हुआ विरह का वियोग नहीं सहा जाता अब मुझसे बन गया है ये दिल का रोग। तुझ बिन मेरा जीवन खाली विकल मन को नहीं गवारा है लौट आओ मेरे प्यारे प्रियतम धड़कनों को इंतज़ार तुम्हारा है। ]]> https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/bairi-man/feed/ 0 मेरा प्यार मेरी बहार https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/mera-pyaar-meri-bahar/ https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/mera-pyaar-meri-bahar/#respond Sat, 03 Apr 2021 13:29:30 +0000 https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/?p=1291 Continue Reading]]> जब से तुम आई मेरी जिंदगी में मानो सपनों का संसार मिल गया एक तेरे साथ ने दिया वज़ूद मुझे मेरी खुशियो का अंबार लग गया मेरा प्यार मेरी बहार ए जानेमन खुशबु से मेरा चमन महक गया तेरे इर्द गिर्द मंडराता भंवर बन शुभ्र पुष्प सुंदर बाग सज गया नज़रों से न हो इक पल ओझल मुझे आशिक बना कर रख दिया मैं तेरा मधुर गीत तू मेरी है ग़ज़ल मेरी जिंदगी का साज बदल दिया मैं बंजारा प्रेम को क्या समझता मोहब्बत का अंदाज समझ गया यूँ ही राहों में ये मन नहीं भटकता अंगों में दहकता पलाश बन गया। ]]> https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/mera-pyaar-meri-bahar/feed/ 0 जयपुर तुम तो वाकिफ़ हो https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/wakif/ https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/wakif/#respond Mon, 18 Jan 2021 12:02:39 +0000 https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/?p=1214 Continue Reading]]>
हर गली हर चबूतरा चौपड़ चौराहा पगडंडी
                               राजा जी के किले पहाड़ी महलों के द्वार से
प्राचीन संस्कृति पुरखों का गुरूर प्रेम की थपकी
                               जीवन के रंग-ए-नूर आदर सत्कार से 
फीणी घेवर मिर्ची बड़े समोसे प्याज़ की कचौड़ियां
                                 स्वाद की खुशबू महकती हवाओं में
मोहब्बत सा हसीन अरमानों से सजा बिखरी गुलाबी रंगत
                                  छटा बसती हर आँखों में।
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नारी का दर्पण  https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/nari-ka-darpan/ https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/nari-ka-darpan/#respond Wed, 13 Jan 2021 13:01:07 +0000 https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/?p=1212 Continue Reading]]> मन मोहिनी श्रृंगार तन सजाये आईने में अपना ख़्वाब बसाये खूबसूरती देख ख़ुद हुई बावरी मदमस्त दर्पण अति शरमाये। होठों पर लाली नयन कजरारे हाथों में कंगन नीले हरे सुनहरे नारी का अस्तित्व खिला रूप लज्जा प्रेम स्नेह सौम्य नखरारे। प्रियतम की आस  प्रेम अलंकार बहे आकुल सांसे मौन मन दर्पण में खोये तृप्ति भाव तुमसे अभिलाषित हो रही इठलाती बलखाती पग बिछुड़ी कहे। चेहरे पर मुस्कान पल पल निखरे सम्पूर्ण व्यक्तित्व परिपक्व हो उतरे आँचल में प्यास जनम भर के लिए दर्पण को देख कर प्रतिबिंब भी उभरे। ]]> https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/nari-ka-darpan/feed/ 0 क्या कहूँ अब तुझसे https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/kya-kahu-ab-tujhse/ https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/kya-kahu-ab-tujhse/#respond Wed, 23 Dec 2020 11:41:45 +0000 https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/?p=1192 Continue Reading]]> क्या कहूँ अब तुझसे मेरे प्रभु ओ सावरें तुझे ढूंढ़ा करते हर पल मेरे ये नैन बावरे जिंदगी के मायने भी तुझसे जिंदगी की आस भी तुझसे मेरी हर साँस भी तुझसे मेरा हर वज़ूद भी तुझसे अधरों पर मधुरमयी मुस्कान प्रेम की अनोखी पहचान करें हर पल तेरा गुणगान रोम रोम में तेरा ध्यान मेरा सहारा भी तू है मेरा विश्वास भी तू है मेरी शक्ति भी तू है मेरी भक्ति भी तू है अंतस को समझाऊं दिल में ज्योत जगाऊं प्राणों में घुल जाऊँ भव सागर से तर जाऊँ क्या कहूँ अब तुझसे आँखियां रोती सुबह शाम निर्मोही है मेरे श्याम दर्शन दे दो अब तो घनश्याम। ]]> https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/kya-kahu-ab-tujhse/feed/ 0 बस तुम https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/bas-tum/ https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/bas-tum/#respond Wed, 16 Dec 2020 16:19:55 +0000 https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/?p=1181 Continue Reading]]> बस तुम ही तो हो मेरे जीवन के आधार पल पल गति साँसों की प्राणों के सार मेरे सुख दुख के साथी जन्मों का बंधन ऊर्जा नव संचार प्रियतम का आलिंगन बस तुम ही से बना मेरा प्यारा परिवार अनन्त आकाश धरती मिलन  संसार तुमसे मिला प्रेम  अद्भुत दैवीय मिलन एहसासों से खनक उठे मेरे सारे कंगन बस तुम से ही सरल सोच सशक्त विचार आसां हुई मेरी राह तेरे होने से हर बार खुशियों का आवरण घटा मन का रुदन तुझमें समा कर खिल उठा मेरा अंतर्मन बस तुम ने ही दिया प्रेम अनमोल उपहार मेरे वज़ूद को किया सत्स्वरुप चित्त साकार रंगबिरंगे फूल सजा महकाया मेरा उपवन हर भोर किरणों से भर दिखाया सुंदर जीवन ]]> https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/bas-tum/feed/ 0 ख़्वाहिशें अब और नहीं बची https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/khwahish-ab-aur-nahi-bachi/ https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/khwahish-ab-aur-nahi-bachi/#respond Tue, 15 Dec 2020 13:20:17 +0000 https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/?p=1170 Continue Reading]]> प्रेम सुकून चैन सुख
शांति के सपने पूरे हुए
ख्वाहिशें अब और नहीं बची
जब से तुम मेरे अपने हुए
ये कहने को भले ही
लगता बड़ा शानदार
ख़्वाहिशों के बिन
सबकी ज़िंदगी होती बेज़ार
रंगीन टीवी पर हमें
दिखाई देती खूबसूरत छवि
ब्लैक एंड व्हाइट में बेकार
जिंदगी के हर साँस के साथ
जुड़ती ख्वाहिशें हज़ार
जीवन के हर मोड़ पर
अपनों का प्यार मिला बेशुमार
ख़्वाहिश अब और नहीं बची
यह कैसे कह दूँ मेरे यार
ख़्वाब ख़्वाहिशें चाह जीने की
अनंत खुशियों का परिवार
ख़्वाहिशों के बादल बरस  कर
स्वच्छ होते मन के विकार
दुख और निराशा से ऊपर
आशा का होता नव संचार
ख़्वाहिशें उस विधाता का प्रतिरूप
जग का जो करता उद्धार
ख्वाहिश अब और नहीं बची
मत करना दिल से स्वीकार
ख़्वाहिशें ख़्वाब सपनें मंजिल
बुलंद हौंसलें जज़्बों का हुंकार
तमन्नाओं का सीने में घर बनता
हँसता खेलता रूहानी संसार।
]]>
https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/khwahish-ab-aur-nahi-bachi/feed/ 0
इक उम्र लगती है https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/ek-umra-lagti-hai/ https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/ek-umra-lagti-hai/#respond Tue, 24 Nov 2020 12:33:01 +0000 https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/?p=1154 Continue Reading]]> इक उम्र लगती है जीवन को समझने में रिश्तों को पिरोने में अनुभव को बटोरने में इक उम्र लगती है किनारों को ढूंढने में साहिल से तैरने में हवाओं को रोकने में इक उम्र लगती है शहर को बसने में गाँव को भूलने में बेगानों संग जीने में इक उम्र लगती है नए पत्ते उगने में वृक्ष को बढ़ने में जड़ को फैलने में इक उम्र लगती है आशियाना बनाने में आईना सजाने में मुस्कान खिलाने में इक उम्र लगती है वर्तमान में रहने में भूत को छोड़ने में भविष्य को समझने में इक उम्र लगती है फासले मिटाने में आशा को जगाने में निराशा को भगाने में इक उम्र लगती है प्रेम को लुटाने में नफ़रत छुड़ाने में तजुर्बा पाने में। ]]> https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/ek-umra-lagti-hai/feed/ 0 ज़ज्ब-ए-इश्क़ https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/jajb-e-ishq/ https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/jajb-e-ishq/#respond Fri, 06 Nov 2020 16:42:37 +0000 https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/?p=1132 Continue Reading]]> जर्द जर्द मौसम में तीखी धूप का नज़ारा मोहब्बत हुई मेरी सरे आम़। जज्ब ए इश्क़ में जुबां हो रही ख़ामोश और आँखों से छलकता ज़ाम। दिल की ख़्वाहिशों से जुड़े  छुपाया ज़माने से उस आ़शिक की पहचान। मन नहीं बस में पागल बना दिया सीख रही हूँ जीना इश्क़ रब के नाम। हर साँस में महकता प्यार उसका हर पहर में बैचैन है दिल सुबह शाम। मोहब्बत मुस्करा रही पलकों तले बेनकाब हो मेरे महबूब के पूरे अरमान। ]]> https://www.ekpehalbymadhubhutra.com/jajb-e-ishq/feed/ 0