ख़्वाहिशें अब और नहीं बची

प्रेम सुकून चैन सुख
शांति के सपने पूरे हुए
ख्वाहिशें अब और नहीं बची
जब से तुम मेरे अपने हुए
ये कहने को भले ही
लगता बड़ा शानदार
ख़्वाहिशों के बिन
सबकी ज़िंदगी होती बेज़ार
रंगीन टीवी पर हमें
दिखाई देती खूबसूरत छवि
ब्लैक एंड व्हाइट में बेकार
जिंदगी के हर साँस के साथ
जुड़ती ख्वाहिशें हज़ार
जीवन के हर मोड़ पर
अपनों का प्यार मिला बेशुमार
ख़्वाहिश अब और नहीं बची
यह कैसे कह दूँ मेरे यार
ख़्वाब ख़्वाहिशें चाह जीने की
अनंत खुशियों का परिवार
ख़्वाहिशों के बादल बरस  कर
स्वच्छ होते मन के विकार
दुख और निराशा से ऊपर
आशा का होता नव संचार
ख़्वाहिशें उस विधाता का प्रतिरूप
जग का जो करता उद्धार
ख्वाहिश अब और नहीं बची
मत करना दिल से स्वीकार
ख़्वाहिशें ख़्वाब सपनें मंजिल
बुलंद हौंसलें जज़्बों का हुंकार
तमन्नाओं का सीने में घर बनता
हँसता खेलता रूहानी संसार।

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