योग मात्र एक स्लोगन नहीं है कि…
चुस्ती लाये, रोग भगाये।
योग समाज और देश में होने वाली हिंसा, बलात्कार, दुष्कर्म, आत्महत्या, नशा, लड़ाई – झगड़ा, मार – पीट, द्वेष, चोरी – डकैती जैसे विकृत मानसिकता को जड़ से खत्म करता है।
योग हमारे जीवनशैली को परिवर्तित करके ऊर्जावान, नूतन, उत्साहित एवं उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा देता है।

सच पूछो तो यह हमारे जीवन का आध्यात्मिक आधार है,जिसमें तन, मन और आत्मा को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया जाता है।
शरीर को बदलेंगे तो मन बदलेगा, मन को बदलेंगे तो बुद्धि बदलेगी और बुद्धि को बदलेंगे तो यह जीवन बदलेगा। कुल मिलाकर अगर हम अच्छा जीवन चाहते हैं तो योग का प्रयास करना होगा। पहले प्रयास में अवश्य जोर लगाना होगा,बाद में नहीं। फिर यह स्वतः ही हमारी दैनिक दिनचर्या में शामिल हो जाएगा।

तन – शारीरिक रूप से स्वस्थ करता है।
मन – मन से उत्पन्न नकारात्मक विचारों को शुद्ध करता है।
आध्यात्मिक – परम आनंद की प्राप्ति का मार्ग।
योग का अर्थ है जोड़ यानि कि स्वयं से जुड़ना, यही आपको समाधि तक लेकर जाएगा, जहाँ सिर्फ़ आनंद ही आनंद है।
“बिन जले, भभूति नहीं,
बिन किए, अनुभूति नहीं। “
तो आइए हम सभी जुड़ते हैं, हमारे ही भारत के प्राचीन विज्ञान, विरासत, सभ्यता और संस्कृति के साथ आज महायोग दिवस पर अपनी आत्मा के नवीनीकरण और देह शुद्धिकरण के लिए, और रचते हैं एक नया इतिहास…
“स्वस्थ भारत
स्वच्छ भारत
समृद्ध भारत
सफल भारत”
अंतर्राष्ट्रीय महायोग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
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Thank you.It feels good to know that.