पन्द्रह अगस्त का दिन कहता है, आज़ादी अभी अधूरी है, इस सोच – समझ वाले शख्सियत की, महायात्रा अब तो पूरी है। तू पथिक है सत्य का, तू युग पुरुष है हिन्दुत्व का, नव – जीवन का आह्वान लिए, प्रभु के निमंत्रण को स्वीकार किए, साँसे जिनकी थम गई, घड़ीContinue Reading