परिवहन विशेषांक – 1
हेलमेट लगाना दुपहिया वाहनों के लिए अत्यन्त आवश्यक है, जानते सभी है परन्तु मानते कितने लोग हैं!
हमारे भारत में सारे कानून मानो कठपुतली के खेल के समान है, ऊपर से डोर खीचने से करतब शुरू और जैसे ही डोर ढीली छोड़ दी जाए, सभी धराशायी हो जाते हैं। यहाँ कोई भी नियम का उल्लंघन करना बड़ा आसान है क्योंकि यहाँ नियम ही तोड़ने के लिए बनाये जाते हैं।सरकार की एक मुहिम शुरू होती है तो दूसरी ओर ध्यान कम हो जाता है, जबकि कार्यालय अलग, कार्यकर्ता अलग फिर भी हम अपने कर्तव्यों को भलीभांति निभा नहीं पाते हैं। हर किसी को अपने कर्तव्य को निभाने के लिए ऊपर से दबाव चाहिये,ऐसा क्यों?
हैलमेट नागरिकों की अपनी सुरक्षा है, उसे क्यों यातायात पुलिस का दबाव चाहिये और यातायात पुलिस का काम है बिना हेलमेट चलाने नागरिकों पर ढील न छोड़े, पर सब तरफ खेल चल रहा है, अपने जिन्दगी के साथ तो कभी अपने कर्तव्य के साथ तो कही बनाये कानून के साथ, ऐसा कब तक चल पायेगा!
पहले आम नागरिकों को लापरवाह बनाया जाता है फिर एक दिन लगाम कसा जाता है और फिर वही रिश्वत और वही जुर्माने का धर पकड़ खेल शुरू, तो क्या यह जेब भरने के लिए नियम बनाया गया है, यूँ तो हम जहाँ है वही रह जाएँगे। दुनिया गोल है साबित करके खुश होंगे।
चलो क्यों नहीं अपनी जिन्दगी को सुरक्षित रखने के लिए हम ही सुधर जायें और कर दे सफल इस मुहिम को।हैलमेट हादसे की स्थिति में आपके सिर को नुकसान से बचाने में मदद करता है और जान बचने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। पीछे बैठे चालक को भी हैलमेट अवश्य लगाना चाहिए। आप और आपके प्रियजन सुरक्षित है तो आपकी जिन्दगी स्वर्ग समान है।
हद तो तब होती है जब दुपहिया चालक मोबाइल में बात करते हुए चलता है।
दुपहिया चालक के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए आपके द्वारा दिया गया सबसे उचित सुझाव सरकार तक ले जाने का प्रयास किया जायेगा, ऐसे में आपका सुझाव क्या है?