सिंदूर,बिंदिया,चूड़ी,मेहंदी,झूमके,पायल,नथ सावन की रिमझिम बूँदों में पिया मिलन की है रुत आई अश्रु भरे मेरे नयन कटोरों में कहाँ छुपा है तू ओ हरजाई यौवन सज कर खड़ा द्वार पर प्रीतम अब तो तुम आ जाओ सिंदूरी लाली की छटा मुख पर कहती प्रेम का रस बिखराओ माथे की लालContinue Reading

आज म्हारे घर गणगौर माता आई है पूजा करण सारी सखियाँ संग लाई है माथे पर चुन्दड़ लाल सजाई है सगला रे मन में खुशियां खूब छाई है कुमकुम टीका रोली चंदन हाथ जोड़ करें सब शुभ वंदन गीत सुरों री लहरी सजाई है चंग री थाप सू मन हर्षायीContinue Reading

बाबा अब मैं बड़ी हो गई हूँ मेरे हाथों को पीले करवा दो जीवन की सबसे बड़ी खुशी एक नई पहचान दिलवा दो। गणपति का शुभ वंदन करके पूजा अर्चना सुमिरन करवा दो बाबा अब मैं बड़ी हो गई हूँ मेरे हाथों को पीला करवा दो। कच्ची हरी हरी पत्तियाँContinue Reading

हाथों में लगती मेहंदी बालों में सजता गज़रा माथे पर सोहती बिंदी खन खन करता कंगना। उफ्फ ये सोलह श्रृंगार औरत की खुबसूरती अपार दिल में होता खूब प्यार हरियाली तीज़ का त्यौहार। तीज़ के पूर्व होता सिंजा़रा यह दिन होता बड़ा प्यारा रिश्तों में घुलती मिठास महकता घर आँगणContinue Reading