चाँद पर हो अपना घर सपना सलोना बड़ा सुंदर श्वेत चाँदनी जन्नत सी शीतल पुरवाई पहर-पहर चाँद चमकीला उजास में मन का सितार आस में घूंट मधु का निशी मनभावन नैनों से नैनों की रास में कुछ लम्हें यहाँ कायनात के बहुरे मोती गिरे बरसात के स्निग्ध छटा जादूगरनी सीContinue Reading

कल का दिन मेरा बड़ा प्यारा था अठखेलियों का अद्भुत नज़ारा था सड़क पर पैदल मैं चल रही थी आँखें मेरी ताक झाँक कर रही थी तभी नज़र आए मुझे वो तीन बंदर गांधीजी की नव प्रतिमा के ऊपर अठखेलियाँ कर वो सब नाच रहे थे मन की बात बयांContinue Reading