मैं थकी मांदी लौटी अपने घर बाहें पसारे बेटी खड़ी द्वार पर दौड़ कर गई रसोई घर लेकर आई एक गिलास पानी पिलाया और कहा तुम थकी हो मेरी माँ थोड़ी देर बैठो मेरे पास बताओ तुम्हारे दफ़्तर में क्या हुआ आज ख़ास कुछ देर गुफ़्तगू हुई मन हो गयाContinue Reading