राधे कृष्णा
2022-12-08
दर्पण देख खूब संवर गया राधा के रूप से निखर गया आईने को खिलता देख कर कान्हा का मन यहीं ठहर गया गोरी का कर अद्भुत श्रृंगार वेणु भी अधरों पर लहर गया प्रेमी परिंदों को नहीं पता कब कैसे कौन सा पहर गया यौवन ने ली जब अंगड़ाई चाँदContinue Reading