ज़हर खुद के लिए ही रखो
जो ख़ुद ही ज़हर पी जाते हैं दूसरों पर अमृत छलकाते हैं वही नीलकंठ महादेव कहलाते हैं। आसां नहीं ज़हर ख़ुद के लिए रखना फूलों को छोड़ कर कांटों पर चलना कड़वाहट के घूंट गले से यूँ निगलना। ऐसा सिर्फ वो इंसां कर सकता है जो अपना कलेजा बड़ा रखताContinue Reading
अपने हिस्से की भूख
अपने हिस्से की भूख दबाकर माँ बच्चे को रोटी खिला देती है रोटी में अमृत की बूंदे समा कर प्यार का गागर छलका देती है। वही बच्चे बड़े होकर भूल जाते बचपन का प्यार दुलार संस्कार न ध्यान रखते न ही सेवा करते बुढ़ापे में छोड़ते साथ कई बार। पल-पलContinue Reading
सर्द हवाएं
पुस की अंधेरी रात सर्द हवाएं यादों में लेखक मुंशी प्रेमचंद इंसान और पशु प्रेम का भाव सजाती ये कथा पहली पसंद कहानी का नायक हल्कू और जबरू कुत्ते के रात्रि का संघर्ष मार्मिक कथा काव्य में रूपांतरित कर हुआ हृदय को स्पर्श पैसों की तंगी जमीनदार की धौंस जमाContinue Reading
क्या कहूँ अब तुझसे
क्या कहूँ अब तुझसे मेरे प्रभु ओ सावरें तुझे ढूंढ़ा करते हर पल मेरे ये नैन बावरे जिंदगी के मायने भी तुझसे जिंदगी की आस भी तुझसे मेरी हर साँस भी तुझसे मेरा हर वज़ूद भी तुझसे अधरों पर मधुरमयी मुस्कान प्रेम की अनोखी पहचान करें हर पल तेरा गुणगानContinue Reading
अलविदा 2020 के नाम पाती
वर्ष 2020, आज तुम्हारे लिए कुछ लिखने को हृदय प्रेरित हुआ है, सोचती हूँ कहाँ से शुरू करूँ इसे, क्योंकि अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण साल जिसको जीवन की डायरी से कभी भुलाया नहीं जा सकता है।इस कोरोना काल ने सुख दुख दोनों को प्रतिबिंबित किया है। सुख परिवार का जिसे विगतContinue Reading
कश लगा ले
इस शहर को क्या होने लगा है!धुएँ में जिन्दगी को खोने लगा है, कश लगाकर खुश होने लगा है, नशे में खुद को डुबोने लगा है। माना इस जहाँ में सब अधूरे हैं, मुकम्मल कौन है, शिकायतें हैं जिन्दगी से भरपूर, यहाँ पर खुश कौन है! होने लगी है मायूसी,Continue Reading
राखी ऊर्जा का संचार!!!
पावन प्रीत की धार, राखी का त्यौहार!!! माँ के गर्भ से बनता है ये रिश्ता, प्रेम की डोर से सजता है ये रिश्ता, अद्भुत, अविरल, पावन प्रीत की धार, राखी है भाई-बहन के ऊर्जा का संचार। बहन भाई के लिये मान होती है, तो भाई बहन का अभिमान होता है,Continue Reading