पन्द्रह अगस्त का दिन कहता है, आज़ादी अभी अधूरी है, इस सोच – समझ वाले शख्सियत की, महायात्रा अब तो पूरी है। तू पथिक है सत्य का, तू युग पुरुष है हिन्दुत्व का, नव – जीवन का आह्वान लिए, प्रभु के निमंत्रण को स्वीकार किए, साँसे जिनकी थम गई, घड़ीContinue Reading

जो देश की सेवा करते हैं, उनकी सेवा हम कैसे कर सकते हैं? सर्वप्रथम हमारे देश के उन जॉबाज़ सैनिकों को शत्-शत् नमन हैं, जिन्होंने देश सेवा के लिए अपने प्राणों का आहूति दे दी। देश की सेवा भारतीय इतिहास का गौरव रहा है। यहाँ हर युग में अनगिनत वीरContinue Reading