अनपढ़ कवि
एक दिन अनपढ़ कवि मुझसे मिले कहा कविता कहता हूँ मैं दिल से। लिखना पढ़ना मेरे भाग्य में न था माता पिता का बचपन में सौभाग्य न था। अंदर से एक ज्वाला जगी थी कवि बनने की आशा लगी थी। जहाँ चाह होती है वही तो राह होती है कुछContinue Reading
एक दिन अनपढ़ कवि मुझसे मिले कहा कविता कहता हूँ मैं दिल से। लिखना पढ़ना मेरे भाग्य में न था माता पिता का बचपन में सौभाग्य न था। अंदर से एक ज्वाला जगी थी कवि बनने की आशा लगी थी। जहाँ चाह होती है वही तो राह होती है कुछContinue Reading
पन्द्रह अगस्त का दिन कहता है, आज़ादी अभी अधूरी है, इस सोच – समझ वाले शख्सियत की, महायात्रा अब तो पूरी है। तू पथिक है सत्य का, तू युग पुरुष है हिन्दुत्व का, नव – जीवन का आह्वान लिए, प्रभु के निमंत्रण को स्वीकार किए, साँसे जिनकी थम गई, घड़ीContinue Reading
राजाओं की नीति है राजनीति! ऐसी नीतियाँ जिनसे राज्य का प्रशासन किया जाता है। राज – सत्ता में स्थान प्राप्त करने की जोड़ – तोड़ की कला ही राजनीति का स्वरूप है। राजनीति समाज के संगठित जीवन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण क्रियान्वयन है, जिसका सीधा संबंध राज्य और सरकार से रहताContinue Reading