ख़ुशी की झलक कभी अश्कों की छलक प्रेम की ललक कभी अपनेपन की चहक कलम से निकले हर नायाब भावों के रंग ज्ञान के दीप प्रज्वलित नयी चेतना के संग एक ख़्वाब तलवार से पैनी क़लम की धार लेखनी मृत्यु के बाद भी जीवंत करें संसार कलम में सदा रहे Continue Reading

  किसने कहा युवाओं में संस्कार नहीं होते शायद हमसे ही कई उपकार नहीं होते कहते हैं युवा पीढ़ी संस्कार खोने लगी है  सच है हमसे परवरिश में भूल होने लगी है। आक्षेप तो हर पीढ़ी ने पीढ़ी को दिया है पर वृक्ष के इस बीज़ को किसने सृजन कियाContinue Reading