सुषमा स्वराज-अचल अटल अमर
2019-08-12
हर आँख ग़मगीन है, हर होंठ पर धुनी रमायी है, हर गली हो रही वीरान, सुषमा जी की हुई विदाई है। जन्म-मरण काल चक्र के दो चरण, निरंतर चलता जाएगा, आज तेरी बारी कल मेरी बारी, जो आया है सो जाएगा। फूल बन कर जो जिया, वो मसला जाएगा, Continue Reading