हर तरफ़ यार का तमाशा है
2021-01-13
इश्क़ का उठ रहा जनाज़ा है,कई दफ़ा तराशा है दर्द उठ रहा है सीने में,बेवफ़ाई में टूटा भरोसा है गलतफ़हमी हुई बरबाद हुए, कौन करेगा यक़ीन शहर में रुसवाई है, हर तरफ़ यार का तमाशा है।
इश्क़ का उठ रहा जनाज़ा है,कई दफ़ा तराशा है दर्द उठ रहा है सीने में,बेवफ़ाई में टूटा भरोसा है गलतफ़हमी हुई बरबाद हुए, कौन करेगा यक़ीन शहर में रुसवाई है, हर तरफ़ यार का तमाशा है।