माँ का रुदन, धरती माँ का क्रंदन, परमात्मा का स्पन्दन उन संतानों के लिए जिसे उसने जन्म दिया क्योंकि जब सृष्टि किसी की उत्पत्ति करती है तो वह अपना सर्वस्व बलिदान कर उसे स्वरूप प्रदान करती है। मनुष्य को प्रेम करने से ज्यादा सरल मानवता को प्रेम करना है क्योंकिContinue Reading