परिवर्तन को स्वीकार करना मुश्किल
2021-12-24
सोचिए किस किसान का बेटा किसान है! नए दौर की कब बनेगी यहाँ पर पहचान है परिवर्तन को स्वीकार करना होता मुश्किल आंदोलन ख़त्म पर अब भी अधूरी मंज़िल आलू प्याज़ टमाटर सड़कों पर फेंके जाते ग़रीब बेरोज़गार भूख से पीड़ित मर जाते राजनीति में उलझ गई किसानों की कश्तीContinue Reading