मेरे मन को ले जा रही है ये हवाएं आसमाँ की ओर अब इन हवाओं से क्या कहूँ इरादों को पंख लग गए हैं अब कौन बांध पाएगा निगाहों में टिकी है मंज़िल अर्जुन की तरह लक्ष्य साधे बस उस ओर बढ़ चला हूँ नहीं इसे कोई रोक पाएगा इनContinue Reading