स्वामी विवेकानंद

भारत का युग प्रवर्तक युवा सोच उर्जावान
स्वामी विवेकानंद ने फैलाया मानवता ज्ञान
आध्यात्म धर्म कर्म विवेक का आह्वान लिए
विश्व में बढ़ाई अपने भारत माता की शान।

उज्जवल मुख मंडल आभा चौड़ा गौरव ललाट 
आदर्श स्वभाव ग़ज़ब आकर्षण गेरू वस्त्र सम्राट 
अमेरीका में दिया भाषण मधुर आवाज़ में दम 
उठो जागो आगे बढ़ो सन्यासी सोच विराट। 

सशक्त संयम शाश्वत सत्य पथ पर अग्रसर
शिव शक्ति की उपासना व्यक्तित्व बना प्रखर
राम कृष्ण परमहंस को मानकर अपना गुरु
विशाल अंतर्मन बना वैराग्य भाव सजकर।

स्वामी जी ने युवा पीढ़ी को सही राह दिखाया
शिकागो में जाकर भारत का परचम फहराया
परमात्म शक्ति निर्भय मन उर में रख विश्वास 
लक्ष्य की प्रेरणा देकर सुप्त जीवन खूब जगाया।

ज्योतिपुंज नव दृष्टि जगत कल्याण का भाव
निर्धन  जीवन में भी महसूस नहीं किया अभाव 
आत्मविश्वास उद्घोषक विजय लेकर अद्भुत मंत्र 
प्रेम भक्ति परोपकार और हृदय में रखा सद्भाव। 

वेद पुराण उपनिषदों का परम बह्र ज्ञान पाया 
विलक्षण प्रतिभा का धनी नूतन पथ पाठ पढ़ाया 
32 वर्ष की छोटी उम्र किया भवसागर को पार 
राष्ट्र धर्म ध्वजारोहण हिन्दू संस्कार सम्मान बढ़ाया।

नरेंद्र नाम की आभा सनातन धर्म प्रचार प्रसारक
अनन्य गुरु भक्ति दृढ़ निष्ठा सेवा भाव बन कारक
भारतीय दर्शन का सम्पूर्ण विश्व में चिराग जलाकर 
सभ्यता संस्कार संस्कृति के बने जगत रक्षा पालक।

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