कैसी ये त्रासदी, कैसा ये शहर भटक रहा मज़दूर हो रहा दर बदर घर बनाने वाला ख़ुद ही हुआ बेघर न वर्तमान न ही भविष्य की रखता ख़बर। 2020-04-01