रोटी की भूख

रोटी और बेलन
जैसे दिया बाती 
जैसे पति पत्नी 
संगी और साथी।

रोटी और पृथ्वी 
दोनों ही गोलाकार 
एक पेट की आहार 
दूजी सौर की आधार। 

रोटी और सब्ज़ी 
रोटी भरती पेट 
सब्ज़ी देती स्वाद 
अच्छा मेल मिलाप। 

रोटी कपड़ा मकान
मूलभूत सारे समान 
दो जून मिले रोटी 
ग़रीब का अरमान।

रोटी और थाली
सजाती घरवाली
थकान दूर होती 
दिखती खूब निराली।

रोटी और प्याज
ग़ज़ब का साथ
मिलता ऐसा स्वाद
सूखा पर लाजवाब। 

रोटी और घी
तृप्त करता ज़ी
भरपूर ख़ुशी
दिखाती समृद्धि। 

रोटी और अचार
भूख का इज़हार 
तमाशों का संसार
आज़ादी का इंतज़ार। 

रोटी और घड़ी 
समय के गुलाम 
कृषक बड़े महान 
लहलहाये खेत खलिहान। 

रोटी और आग
सीख देता साथ
ताप से निखरता
ईमान धर्म विश्वास।

एक पाठ -

रोटी की भूख
तुझे भी है और मुझे भी
अमीर को भी है
ग़रीब को भी
पशु को भी है
पक्षी को भी
रोटी बड़ी कमाल है 
पापी पेट का सवाल है 
जो हमारे लिए अन्न उगाते 
वो देश के हमारे किसान है 
उनके हित की रक्षा करना  
देश का सबसे बड़ा जनकल्याण है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *