प्याज के पकौड़े

सावन भादों का है ये मास
रिमझिम बरस रहा आकाश।

मुहँ में आया निराला स्वाद
प्याज के पकौड़े की हुई बात।

चूल्हे पर चढ़ाई तेल की कढाई 
खाएंगे पकौड़े पीछे पड़े जवाई। 

सुहाना मौसम गरम चाय बनाई 
प्लेट में पकौड़े पुरस कर आई।
 
आप जानते हो क्या हुआ भाई!
पकौड़े संग सबने चटनी खाई।
 
उंगलियों को चूम कर कहा वाह! ए माई 
हाथों का इतना स्वाद कहाँ से लाई।
 
ममता चाय और पकौड़े में भर आई 
मेरे चक्षुओं से बारिश की बूंदे बह आई।
 
प्याज के पकौड़े मिला प्यार बेशुमार
ऐसा होता स्वाद अपने हाथों का अपार। 

रिश्ते रसोई घर से जुड़ते है 
कड़क चाय और पकौड़े से महकते है।

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