प्रतिध्वनि की गूँज ने हिंदी साहित्य का फैलाया परचम हम प्रतिभागियों को मंच देकर बजाया काव्य सरगम नित नए विषयों पर लाया आपने ढेर सारी प्रतियोगिता देशवासियों के मध्य बढ़ाया हिन्दी भाषा की उपयोगिता सभी के अंतर्मन में खिलाया कल्पना के सुन्दर फूल हिंदी के प्रति अनुराग बढ़ा कर हटा दिया डर का शूल सफ़र पर मिला बड़ा आनंद अच्छे साहित्यकारों के संग 2021 नए साल में भी चढ़ा रहे ऐसा ही खूबसूरत रंग प्रतिध्वनि मंच के साथ जुड़ा सबका भरोसा व विश्वास गूँज उठे अम्बर में काव्य की मधुरिम ध्वनि हरेक श्वास प्रतिध्वनि के साथ अलग ही खुशियां मिल रही मस्ती लहर दरिया में उठ रही साहित्य की तैर रही कश्ती उम्मीद के दिए जल कर हो रहा रोशन पूरा जहान है प्रतिध्वनि मंच जिद्दी समर्पित संग दिल छूना आसमान है।
नये साल 2021 में हमारे अंतर्मन में साहित्य का परवान चढ़ा रहे। प्रतिध्वनि साहित्यिक मंच के साथ ख़ूबसूरत सफ़र की भरपूर खुशियाँ मिलती रहे… मंच का एक नया एतिहासिक अध्याय शुरू हो.. इसी सद्भावना, आशा और विश्वास के साथ…..नव वर्ष 2021 की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं!!!