सबमें अलग-अलग विशेषता है, सबकी अपेक्षाओं के अनुरूप होना सबके लिए बहुत मुश्किल है, सबको साथ लेकर चलने में अधिकतर हम झल्ला जाते हैं क्योंकि सबकी आदतें अलग है, तरीका अलग है, पर हमें राजनेताओं से सीखना चाहिए, कितने लोगों को उन्हें संभालना होता है, सबको साथ लेकर चलना होता है,यही नीति leaders को leader बनाती है। आप जानते हैं….
people are not wrong, they are just different. यानि कि लोग गलत नहीं होते है, बस अलग होते हैं। एक बात बताए क्या आप अपने जैसा कोई भी इंसान ढूँढ सकते हैं, जी नहीं… कभी नहीं क्योंकि प्रेरणा, सामर्थ्य और लक्ष्य सब के अलग है।
मैंने आपसे एक सवाल पूछा था कि विश्व में top most management guru का नाम बताए, सबने अलग अलग नाम बताया किसी ने Robert Reich तो किसी ने Michael porter तो किसी ने Peter Drucker तो किसी ने नरेंद्र मोदी का नाम बताया।
मैं धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों हूँ, मेरे अनुसार ईश्वर के बिना धरती पर एक पत्ता भी नहीं हिल सकता है। सृष्टि के रचयिता एवं संहारक, शरीर का आधा भाग पुरुष और आधा भाग स्त्री, त्रिनेत्र जो है आज्ञा चक्र निर्णायक क्षमता प्रदान करने वाला, त्रिशूल अस्त्र हाथ में लिए भगवान शिव से बड़ा कोई management guru हो नहीं सकता है, वो कैसे? चलिए, उनके व्यक्तित्व पर एक नज़र डालते हैं, उनके सिर पर हैं जटाएं, जिसमें से निकलती जल की धार, गंगा का उद्गम और वही से नीचे दो नेत्रों के बीच ज्वाला – जल और ज्वाला कभी एक साथ नहीं हो सकते, पर यहाँ दोनों एक साथ है।
दूसरा उनके मस्तिष्क पर चंद्रमा जिससे बरसता है अमृत और गले में डाले हुए साँप जिससे निकलता है जहर, अमृत और विष कहाँ साथ होते हैं, फिर भी ये दोनों साथ है।
शिव के गले का साँप और पुत्र गणेश जी का वाहन मूषक, साथ नहीं हो सकते हैं पर कमाल की बात है वो भी साथ साथ है।
छोटा पुत्र कार्तिकेय जिसका वाहन मयूर, आप ही बताए साँप और मयूर कैसे एक साथ रह सकते हैं!
उनकी भार्या की सवारी शेर और शिव जी के वाहन नंदी यानि बैल हैं, दोनों एक दूसरे के जानी दुश्मन, फिर भी साथ रह रहे हैं।
शिव के शरीर पर भभूत और आसपास सारे भूत, भभूत और भूत एक साथ है, साथ सब मस्त रहते हैं, यही तो है सफलता का मूलमंत्र, आप भी मान गए होंगे कि शिव से बड़ा इस धरती पर कोई सफल management guru हो ही नहीं हो सकता है,जो सबको साथ लेकर चल रहे हैं, जोखिम लेने की शक्ति, परिस्थिति के अनुसार ढलना ,कड़ी इच्छा शक्ति, समानता की सोच, निर्णायक एवं पुरुषार्थ जीवन,जीवन का संचार और संहार, सब कुछ मिलाकर देखा जाए तो इनका व्यक्तित्व ही प्रबंधन गुरु है, इसीलिए महा योगी शिव सदैव आदरणीय है।
एक बात मान लीजिए समस्याएँ सभी में होंगी, चाहे वो बड़ा व्यापारी हो या परिवार का मुखिया, समाज का नेतृत्व करने वाला अध्यक्ष हो या किसी ग्रुप का एडमिन, परन्तु सबको साथ लेकर चलना ही सबसे बड़ी सफलता है और आज चलिए यहीं से पकड़ते है हम अपनी एकता का सूत्र…
जल और अग्नि भू तत्व-वैश्विक एवं भौगोलिक स्तर-Innovation and Creativity
अर्द्धनारीश्वर – पुरुष व स्त्री-राष्ट्रीय स्तर-Equality,A balanced approach
अमृत और विष – मान व सम्मान-सामाजिक स्तर-Risk Bearer Abilities
पिता शिव व पुत्र गणेश एवं कार्तिकेय-पारिवारिक स्तर-Team Leader
पति शिव व पत्नी पार्वती-शिव एवं शक्ति-व्यक्तिगत-A Focused mind
Strong Will and determination with
1.Creation
2.Protection
3.Destruction
4.Concealing
5.Blessings
सभी में सामंज्य रखने वाले महायोगी शिव ब्रह्मांड के Management Guru हैं।
जय महेश