नवोदित सौराष्ट्र

अनेकता में एकता का प्रादुर्भाव हुआ
हर नागरिक के दिल में जन्म सद्भाव हुआ।

न्यायधीशों को करते हैं हम सब नमन
गद्-गद् उठा है हर भारतवासी का मन। 

हिन्दुत्व की इधर शान बढ़ी
मुस्लिम का उधर सम्मान बढ़ा।

सुप्रीम कोर्ट का सबसे बड़ा फैसला
होगा अब अयोध्या में राम लला का मेला।

नेताओं की दुकान हो गई बंद
साम्प्रदायिकता के नाम पर अब नहीं होंगे तंग।

अयोध्या विश्व नक्शे पटल पर अंकित हुआ
लोकतांत्रिक विजयोत्सव  परिभाषित हुआ।

सम्पूर्ण भारत खुशियों के दीप जला रहा 
मौन स्वर अंतर्मन सौहार्द का वातावरण बना रहा।

श्रीराम जी के बनवास की अवधि हुई ख़त्म 
सेवक हनुमानजी की आराधना हुई प्रसन्न। 

न अब कोई हिन्दू होगा न मुसलमान
इस देश में भाइचारे का होगा सम्मान।

न्याय सम्मत सौराष्ट्र का होने लगा है सृजन
नवोदित उषा गत हुई निशा युग परिवर्तन का अभिनन्दन।

1 Comment

  1. मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने हरदम अपनी मर्यादा का ध्यान रखा है।
    अयोध्या तो उन्हें आना ही था क्यो की भरत (भारत वासी एवम ऋषि मुनि) एवम प्रजा निरंतर उनका ध्यान कर रहे थे ।
    मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने निरंतर प्रजा के अनुकूल कार्य न करने वालो को उनके सही स्थान पर पहुंचाकर ही अयोध्या में भव्य मंदिर में प्रवेश करना उचित समझा।
    न्याय प्रक्रिया को नमन (क्या करे न्यायधीशों को भी अपने मर्यादा में ही कार्य करना पड़ता है) सत्य की सदा विजय होती है।
    चाहे हिन्दू हो या मुसलमान सभी को न्याय मिला है।भव्य राम मंदिर जो हर भारतवासी का सपना था अब साकार हुआ। जय श्री राम🙏🏼🙏🏼

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