नव वर्ष नव आगमन उन उगते सूरज की किरणों का, उन प्रतीक्षाओं का, उन सपनों का,उन उमंगों का, उन उम्मीदों का, उन नए जोश का जो प्रतीक्षण जीने की तमन्ना बढ़ाता है, पर क्या नव वर्ष इंद्रधनुषी रंगों से हमारे जीवन में रंग भर पाएगा? क्या हमारे सपनों को साकार करने में सहयोगी सिद्ध होगा? हर बार हर साल यह सवाल पूछता अंतर्मन, लेकिन अनुभव ने एक बात तो साफ कर दी है कि बिना परिश्रम के मंजिल नहीं मिलती, सपने पूरे नहीं होते हैं इसलिए नव वर्ष में करो दृढ़ संकल्प और भरो जुनून अपने नए हुनर से कुछ पाने का, कुछ कर दिखाने का। यह वर्ष पंख लगाकर उड़ने की तैयारी में है, कुछ समय बाद सिर्फ़ यादें ही शेष रहेंगी, चाहे अच्छी हो या बुरी क्योंकि यह वर्ष जाने को है, नया वर्ष आने को है। वास्तव में तो प्रत्येक वर्ष हमारा मेहमान है, जिसे आना और जाना होता है, आया है सो जायेगा, राजा रंक फ़कीर। मेहमानों का आदर सत्कार करके उनकी विदाई कर दी जाती है और उनसे जुड़ी अच्छी यादों को अपने ज़हन में समेटा जाता है, फिर आने वाले नए मेहमान का ज़ोरों-शोरों से उमंग व उत्साह के साथ खुली बाहों से स्वागत करने की प्रक्रिया में जो सफल होता है वही ख़ुशहाल हो पाता है।
जाम से जाम छलका कर, डिस्को डांस और आतिशबाजी के साथ आधुनिकता की आँधी डूबे लोगों से मन करता है कि एक सवाल पूछूं कि ग़र ये न हो तो क्या नव वर्ष का आगमन सम्भव नहीं? परन्तु यह सवाल निरर्थक है क्योंकि खुशियों की परिभाषा सबकी अलग-अलग है, उत्सव मनाने के अपने तरीके हैं,बस यह ध्यान रखना है कि हर वर्ष हमारे कदम सफलता और मानवता की सीढियों में ऊपर की ओर चढ़ने चाहिए, तभी तो कुछ लोग भजन कीर्तन से, ईश्वर की आराधना कर नए साल का स्वागत करते हैं, यह आपके सोच विचार का निर्णय है,हर तरफ जिन्दगी यही कहने लगी हैं कि तुम्हें जहाँ भी खुशी मिले,बटोर लो, जी लो!!! पर खुशियों की मृगतृष्णा में तुम्हारे कदम सही उठे, इसका ध्यान भी तुम्हें ही रखना होगा।
पिछले वर्ष परमात्मा की कृपा से रूस में नए साल के उत्सव को मनाने का सुअवसर प्राप्त हुआ, वहाँ नव वर्ष के आगमन के लिए कई दिनों से तैयारियां शुरू हो जाती है, पुलिसकर्मियों और मिलिट्री द्वारा पूरे स्थानों को सुरक्षित कर दिया जाता है, लोग घरों से बाहर निकल कर सड़कों पर जाने-अनजानों के बीच एक दूसरे को बधाईयाँ देते हैं, नाचते हैं, गाते हैं, सरकार द्वारा आतिशबाज़ी का भव्य आयोजन होता है ,रंग बिरंगी रोशनी से देश की हर गली हर बाजार झिलमिलाता है, कंपकंपाती शीत लहर, आने वाले ऋतु जिसमें बर्फ की सफेद चादर से घिरने का पूर्ण अंदेशा और सभी लोग खुशियों से सरोबार होकर नए क्षितीज की तलाश में समारोह का आनंद लेते हैं,क्यों नहीं हम भी अपने बंद कमरों या होटलों से बाहर निकल कर खुले आसमाँ के नीचे सड़क पर उतर कर पूरे देशवासियों के साथ पुराने वर्ष को खुशियों से विदाई करे और सुरक्षित वातावरण में दुगुनी खुशियों से आने वाले नव वर्ष का भयमुक्त हृदय से स्वागत करे और नए शक्तिशाली शक्तिसंपन्न राष्ट्र का सपना साकार करे!
संगीत की मधुर धुनों, किलकारी, तालियों व प्यालियों ने लपक कर दिया है आप सभी को बधाई संदेश…….
नववर्ष हो आपका मंगलकारी
प्रगति के नए आयाम छुए,
मिले सबको खुशियां सारी!
2019-12-03