मतदान करना है...
इसलिए नहीं कि मोदी, राहुल, ममता, मायावती को लाना है,
इसलिए कि देश का परम सेवक लाना है, देश को आगे बढ़ाना है।
मतदान करना है...
इसलिए नहीं कि मात्र फर्ज़ निभाना है,
इसलिए कि भारत को नयी ऊंचाईयों पर ले जाना है, नया इतिहास रचाना है।
मतदान करना है...
इसलिए नहीं कि यह बहुत जरूरी है,
इसलिए कि यह लोकतंत्र की ताक़त है, ये देश हमारा है, हमको जान से प्यारा है।
मतदान करना है...
इसलिए नहीं कि वोट हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है,
इसलिए कि अपने बच्चों का भविष्य बनाना है, देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराना है।
मतदान करना है...
इसलिए नहीं कि मेरे एक वोट से क्या होना है,
इसलिए कि इसी एक वोट से सरकार बनाना है, स्वर्णिम भारत का निर्माण कराना है।
मतदान करना है...
इसलिए नहीं कि किसी धर्म, जाति विशेष को चुनना है,
इसलिए कि अखंड भारत बनाना है, हमारी एकता को विश्व में दर्शाना है।
मतदान करना है...
इसलिए नहीं कि हमारा ताज़-ए-हिंद कश्मीर हमसे छीन जाए,
इसलिए कि अरुणाचल प्रदेश तक भी हमारा हिस्सा रह जाए।
मतदान करना है...
इसलिए नहीं कि मतदान की पूर्व संध्या पर जश्न मनाना है,
इसलिए कि देश की बागडोर को सही हाथों में सौंपना है, हर दिन जश्न-ए-आज़ादी का मनाना है।
मतदान क्यो करना है
शायद इसके पहले ये विचार जनमानस ने सोचने की कोशिश भी नही की होगी।
चुनाव आते थे लोगो का मन करता तो अपना मतदान कर आते।भीड़ उनकी ज्यादा रहती जिन्हें चुनाव के एक दिन पहले भोजन-दारू-दक्षिणा मिल जाया करता।
राजनीति को एक व्यवसाय समरूप समझा जाता।जो ज्यादा खर्च करता। 5 साल राजशाही समान सरकार चलाकर कई गुणा मुनाफा कमा लेता।
लोकतंत्र एक भद्दा मजाक बनकर रह जाता।
यह व्यवसाय बंद हो और राजनीति एक स्वच्छ परिवेश में नजर आये। एक पहल ने इसी कल्पना को ध्यान में रखते हुवे मतदान क्यो करना है इससे हमें क्या लाभ है इस विषय पर अपने विचार रखे जो अत्यंत सराहनीय है।
2019 के इस लोकतंत्र महोत्सव जिसमे अब तक 4 चरणों पर 342 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हो चुका है।
ऐसा महसूस होता है जनता कुछ मायनो में जागरूक हो गई है। जात धर्म को परे रखते हुवे अच्छे सुशाशन के लिए लोगो ने बढ़चढ़कर अपेक्षा से ज्यादा अपने मतदान के अधिकार को मान दिया।
इसी तरह एक पहल जनजागरण के अपने इस सफर में आगे बढ़ते जाये इस अपेक्षा के साथ 🙏🏼
जय श्री कृष्ण