खुशबू उर्वरा की हर आँगन महक रही है एक ख़्वाब एक हसरत खूब चहक रही है। सरसों बाजरा ग्वार फली की झूमती डाली चारों ओर दिखती खेत खलिहान हरियाली लहलहाते महकते ख़ुशनुमा चंदन गुलाब मन में उमड़ता खुशियों का भरपूर सैलाब। बैलों की रूणझुण जीवन में जोश बढ़ाती स्वावलंबन भाव गांव की शोभा दिखाती। मिट्टी की सौंधी खुशबू स्वदेशी शुद्ध अनाज किसान हमारा अन्नदाता देश का सरताज। उसके हाथों में देश का कर्म भाग्य टिका है खेतों से उपजता अन्न बीजों में प्रेम छिपा है। खेती की ललक जिस गाँव में भी पनपती है वो पगडंडियाँ समृद्धि का इतिहास रचती है।
2020-12-15