कर्म ही धर्म है कर्म ही पूजा है कर्म ही खुशी है कर्म ही आनंद है कर्म ही धर्म है कर्म ही पूजा है इसके बिना नहीं कुछ और दूजा है... कर्म ही धर्म है कर्म ही पूजा है... अपने बाजुओं में कर भरोसा कर्तव्य पथ पर अग्रसर हो कर्म को मान धर्म बढ़ हमेशा सूरज की तरह प्रखर हो। कर्म ही धर्म है कर्म ही पूजा है.... कर्म पर रख जीवन में विश्वास धर्म का मार्ग अमर हो कृष्ण ने दिया अर्जुन को उपदेश निष्काम कर्म करते रहो कर्म ही धर्म है कर्म ही पूजा है... कभी दीप जले कभी पुष्प खिले परमात्मा की छांव तले सच्चे कर्म का परम आनंद मिले धर्म की राह पर सब चले कर्म ही धर्म है कर्म ही पूजा है... धरती पर जब जब ख़ुशियाँ आई कड़ी मेहनत ही तो रंग लाई नित नया आविष्कार किया कर्म से साक्षात्कार किया कर्म ही धर्म है कर्म ही पूजा है... जानवर से बन गया इंसान बनाया जीवन को बड़ा आसान अपनी क्षमता से निर्मित किया रोटी कपड़ा और मकान कर्म ही धर्म है कर्म ही पूजा है... कर्म को मानकर धर्म और पूजा चल रहा है विकास की ओर श्रद्धा ईमानदारी कठोर परिश्रम कर प्रगति की थाम ली है डोर कर्म ही धर्म है कर्म ही पूजा है... अच्छे कर्मों से मिलता स्वर्ग बुरे कर्मों से खुलते नरक के द्वार कर्म ही धर्म है शाश्वत सत्य यही है हमारे जीवन का सार कर्म ही धर्म है कर्म ही पूजा है... कर्म ही खुशी है कर्म ही आनंद है... इसके बिना नहीं कुछ और दूजा है... कर्म ही धर्म है कर्म ही पूजा है।
2020-08-20