कानून व्यवस्था

अपराधों पर रोक
जनमानस की सुरक्षा
यही तो होती है
देश की कानून व्यवस्था। 

हमारी यह व्यवस्था हुई लचर
तभी तो हुआ एनकाउन्टर
बलात्कारियों को मिली तुरंत सजा
खुशी से झूम उठा देश का प्रत्येक घर। 

पर यह नहीं हमारी
समस्याओं का समाधान
कानून को हाथ में लेने का
बुरा होता है परिणाम। 

न्याय में हो रही देरी
न्याय से रहते वंचित
सच्चाई की कोई कीमत नहीं
अन्याय से पूर्ण संचित। 

न्याय में विलम्ब
सचमुच में अन्याय है
कपकंपाते गवाह व साक्ष्य
सत्य का अभाव है। 

संसद और कचहरियों में
पूंजीपतियों का दाव है
देश में आधी आबादी को
सुरक्षा का अभाव है। 

महिला सुरक्षा हेतू बने नया कानून
यह आज की जरूरत है
होनी चाहिए इसकी समाप्ति तिथि
वरना फिर होगा इसका दुरुपयोग है। 

आरक्षण भी देश का कभी
इसी सोच का हिस्सा है
प्रचंड आग में जल रहा हर शिक्षित
बेरोजगारी का बना किस्सा है। 

वक़ील, न्यायमूर्ति और कचहरी
चप्पल क्यों घिसवाते हैं!
न्याय की गुहार मांगते
वर्षो बीत जाते हैं। 

ये कैसा न्याय पटल है! 
मन में भरता अविश्वास है
कानून को सतर्क होना होगा
तूफ़ान का हो रहा आगाज़ है। 

महिला संग बलात्कार करने वाले की
सज़ा सुनाई जाए इतनी सख्त
पुलिस को न करना पड़े एनकाउन्टर
न्याय हो हमारे देश का इतना सशक्त।       



1 Comment

  1. कानून व्यवस्था

    महिला सशक्तिकरण के लिये कविता द्वारा की गई पहल अत्यंत सराहनीय है।
    आपकी बात का मैं समर्थन करता हुँ की कानून अपराध को रोकने हेतु बनाया जाता है ना कि पूर्णावती के लिये।
    एक प्रतिभावान डॉक्टर के साथ जिस तरह का अपराध हुआ उन अपराधियो के लिये एनकाउंटर ही सही कदम था,(जबकि पुलिस वालों ने इस कदम के लिये आत्मसुरक्षा का हवाला दिया) लेकिन यह एनकाउंटर खुशिया अथवा आतिशबाजी करने का नही था।बेहतर होता उस निरपराध , गो भक्त डॉक्टर को श्रद्धा सुमन अर्पित करते।
    इस तरह के एनकाउंटर का मैं भी समर्थक नही हुं तथा इस तरह के कदम भविष्य में न उठे अतः ऐसे अपराधों के लिये सरकार से अनुरोध है कि सख्त से सख्त कानून बनाये तथा न्याय प्रकिया भी अपराध श्रेणी के अनुसार ही क्रियावन्तित हो और अपराधी को जल्द से जल्द सजा हो।
    आरक्षण रूपी दानव भी आज देश की प्रगति में बाधा बना है।
    जय श्री कृष्ण 🙏🏼

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