कल आज से बेहतर कैसे हो?

कल आज से बेहतर कैसे हो?
कल को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा, समझ, संस्कार, संकल्प, संगठन, संगति, संघर्ष, संचय, संतुलन, संतुष्टि, संयम, संवेदना, संयुक्त, संशोधन, सकारात्मक सोच, सच्चरित्र,सचेष्टा, सज्जनता, सत्कर्म, सत्यता, सदापर्णी, समदर्शिता, समयनिष्ठा,समर्पण, सरलता, सरसता, सृजनात्मक, सहनशीलता, सहयोगिता,सहृदयता, साझेदारी, सात्विक, साचित्य, सादगी, सामाजिकता, सामंजस्यपूर्ण, साहसी, सार्थक, सारगर्भित, सिद्धांत, सुकर्म, सुचरित्र, सुचारूता, सुगढ़ता, सूझ-बूझ, सेवापरायण, सौजन्यपूर्ण, स्नेहयुक्त, स्थिरप्रतिज्ञ,स्वास्थ्यवर्धक स्वाभिमानी, स्वावलंबी और स्वीटहार्ट
उपरोक्त स्वागत व सम्मन योग्य शब्दों को जीवनशैली में शामिल करने से ही कल आज से बेहतर हो सकता है।
बीते कल में की गई गलतियों से सबक लेकर अपने आज को बेहतर किया जा सकता है और आज बेहतर होगा तो कल अपने आप बेहतरीन में रूपांतरित हो जाएगा।
सुरक्षित पर्यावरण,
संकल्प शिक्षा का
समानता लड़के लड़की में
संसाधन बचाना – जल, बिजली, अन्न
सम्मान बुजुर्गों का
संबल महिलाओं का
इस पर काम करेंगे तो बेहतर कल के सूरज की रोशनी दरख्तों से अवश्य छन कर हम तक आयेंगी, एक रोशन जहाँ का सपना मुकम्मल होगा और बेहतर कल खिलखिलाता नज़र आएगा

2 Comments

  1. कल के लिए आज को ना खोना
    आज क्या फिर कल आयेगा
    हम क्यों कल को अच्छा करने की बात करते हैं क्यों नहीं आज़ को बीते हुए कल से बेहतर करने की कोशिश करते हैं
    आज अच्छा होगा तो कल अपने आप बेहतर होगा

  2. कल आज से बेहतर कैसे हो।

    कल को बेहतर बनाने की लिये आपने जो लंबी सूची दी है क्या इस कलियुग में इतनी बाते अंगीकार करना शक्य है शायद नही फिर भी उच्च विचार पढ़कर मन प्रसन्न हुआ। शब्दो की यह अमूल्य निधि भी यदा कदा कही एक साथ पढ़ने में आती है।

    मेरे विचार से अगर आप हर बात पर संतोष को प्रधानता देते हो तो कल आपके लिए आज से बेहतर होगा।

    जय श्री कृष्ण

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