जलमहल रामगढ़ की राह पर


जलमहल मानसागर झील के मध्य बना प्राचीन ऐतिहासिक महल, जो गुलाबी नगरी जयपुर शहर का सबसे महत्वपूर्ण एवं मनोरम पर्यटक स्थल में से एक माना जाता है। चारों ओर घनी वादियों से घिरा एवं अरावली पहाड़ों के बीचो-बीच जल के अंदर बने इस महल को जयसिंह जी ने निर्मित करवाया था, जिसकी प्राकृतिक दृश्य इतना खुबसूरत है कि नज़र ही नहीं हटती है।

मानसागर झील के चारों ओर चौपाटी, फव्वारे, गार्डन आदि विकसित कर इसे मनोरंजन स्थान बनाने की कोशिश की गई है, जिससे कि आम जनता इसका भरपूर आनंद उठा सके, इसीलिये यहाँ मेले जैसा माहौल बना रहता है। अभी हाल ही में वहाँ जाने की इच्छा हुई, और सच पूछो तो जब-जब मन किया वहाँ जाने  का, तब-तब निराशा ही हाथ लगी है, क्योंकि यह अपेक्षाओं के अनुरूप कभी नहीं पाया जाता है।

फिर से वही बदहाल, फव्वारे में पानी नहीं, नल तक टूटे हुए दिखाई दिए,स्वच्छता की कमी, बदबू का माहौल, टूटी फूटी ज़मीन, फुटपाथ पर अतिक्रमण कर के अपनी दुकानदारी करते लोग आदि क्या सरकारी अधिकारियों को दिखाई नहीं पड़ता! सच्चाई यह है कि प्रत्येक सरकार के लिए यह सोने का अंडा देने वाली मुर्गी रही है, इस सुनहरे प्रोजेक्ट से कमाते रहो और खाते रहो।

हर बार सरकारी बजट पास किए जाते हैं, पेपर बाज़ी होती है, पर शायद उसकी आधी रकम भी यहाँ तक नहीं पहुंच पाती है। पहले आम जनता द्वारा अतिक्रमण कराया जाता है, लापरवाही या जानबूझकर ढील दी जाती है, और फिर एक दिन वही भ्रष्टाचार का घिसा-पिटा तरीका।

आम आदमी भी कहाँ कम है, आम तौर पर हर आदमी सोचता है, जब तक दाल गल रही है, गलने दो,पर बात समझने की है कि जाने-अनजाने हम सभी मिलकर अपने देश की हानि करने में लगे पड़े हैं। जल महल स्ट्रीट शॉपिंग की जगह नहीं है, यहाँ की सुंदरता पर ध्यानाकर्षक के लिए इस पर धनराशि लगाना होगा न कि धनराशि कमाना का जरिया समझने की आवश्यकता है।

देशी और विदेशी पर्यटकों को इस खुबसूरत स्थल को सिर्फ़ बस से ही दिखाने की बजाय उन्हें यहाँ उतारा जाए, उन्हें इस बेहतरीन भारतीय धरोहर के आनंद का अनुभव करवाया जाए, तब हमारे देश की प्रसिद्धि फैलेगी। भ्रमण के लिए जयपुर शहर विश्व के नक्शे पर होता है, पर्यटक यहाँ आना बहुत पसंद करते हैं, ऐसे में हमारा कर्तव्य है कि हम अपने पूर्वजों के बनाए गए आकर्षक स्थलों की साफ सफ़ाई, रखरखाव और सुरक्षा का विशेष तौर पर ध्यान रखें। जर्मनी के राहिन नदी के किनारे पर्यटन स्थल को देखकर बहुत अच्छा लगता है और उसे सँवार कर रखना जर्मनी देश के लिए ही फायदेमंद है। गुलाबी नगरी जयपुर के भी इस आकर्षक ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए सबका साथ जरूरी है।

1 Comment

  1. जलमहल रामगढ़ की राह में

    गुलाबी नगरी जयपुर के जलमहल की दास्तान आपकी कलम ने विस्तार से कही। आज सभी पर्यटक क्षेत्र की स्तिथि कुछ ऐसे ही है। कारण की तह में जाओगे तो हम अपने आप को ही दोषी पाएंगे।
    ऐसा नही की इसमें सरकार दोषी नही है वह भी उतनी ही दोषी है।
    सरकार से ज्यादा दोषी उस विभाग में काम करने वाले सरकारी कर्मचारी है।
    सरकार जिस तरह दिनोदिन उनके पगार में वृद्धि कर रही है उसी प्रमाण में काम करने वाले कर्मचारी आलस एवम भ्रष्टाचार के दलदल में समा रहे है।
    स्वछता का जो अभियान केंद्र सरकार चला रही है लगता है अगले 5 सालो में कुछ नही तो कम से कम 50 से 60 प्रतिशत कामयाबी जरूर हासिल कर लेगी।
    विगत 5 सालो में लोगो के मन मे स्वछता का भाव बढ़ने लगा है। सरकार को लोगों का मन बदलने के लिये कुछ कड़े कदम उठाने पडेंगे।
    सरकार ने कहा सरकारी नोट (रकम) पर ink से न लिखे अन्यथा यह केवल कागज रह जायेगा।इस कड़े कदम का असर जग जाहिर है।
    ऐसे ही अलग अलग प्रकल्पों तहत कड़े कदम उठाने पडेंगे।
    लोगो मे देश प्रेम की भावना जाग्रत करनी पड़ेगी।
    केंद्र सरकार के कार्य से ये तो विदित होता है कि जल्द ही सरकारी कर्मचारियों को अपने जिम्मेदारियों का आभास होने लगेगा एवम एक नये भारत का उदय होगा।
    ऐसे ही जनजागरण के उदाहरण एक पहल आगे भी रखती रहेगी इस आशा के साथ
    जयहिंद 🇮🇳जयभारत
    🙏🏼 जय श्री कृष्ण*🙏🏼

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