जज़्बातों की यह कहानी है अब भी गम में वो रवानी है अश्कों से भीगे मतवाले नैन राज़ ए दिल तुमको बतानी है दिल बैचैनी का तसव्वुर बेतकल्लुफ ये ज़वानी है चाँदनी रात के साये में बेहतरीन गज़ल सुनानी है वो शोखियाँ वो तबस्सुम हसरतों की फिर नादानी है गरम साँसों में घुलते साज महफ़िल ए रौनक सजानी है ज़माने ने तुमको छीन लिया सरे बाज़ार क्यूँ समझानी है मोहब्बत नीलाम चौराहे पर ज़िल्लत की जिन्दगानी है दर्द ए दिल मेरा दर्द ए जि़गर प्यासा दरिया बहता पानी है लहरें मचल रही गहरे समुंदर अब भी मेरे गम में वो रवानी है ख़ामोश यादें टकटकी निगाहें ये मधु बावरी तेरी दीवानी है सीने में उठ रहा भूचाल सा रूह का नगमा मेरी जु़बानी है।