गणतंत्र दिवस

भारत माता की जय!!!
आओ झुक कर सलाम करें उनको
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है
खुशनसीब होता है वो खून
जो देश के काम आता है।
मैं मधु भूतड़ा, देश भक्ति की भावना से ओत-प्रोत 71 वें गणतंत्र दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूँ। यह हम सभी के लिए बेहद ख़ास अवसर है इसलिये कि यह हमारा राष्ट्रीय पर्व है, हमारा गौरव है, हमारा सम्मान है, हमारे भारत का अभिमान है सेना का शौर्य प्रदर्शन, शहीदों का अमर बलिदान अनगिनत देश प्रेमियों की कुर्बानी के बाद हमें 15 अगस्त 1947 को आज़ादी मिली और 26 जनवरी 1950 को हमारी स्वतंत्रता को सही आकार मिला, इसी दिन देश में संविधान लागू हुआ। इसे हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने लगे। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, जहाँ नेतृत्व के लिए सर्वोच्च प्रतिनिधि को चुनने का अधिकार जनता के पास है यानि कि हमारे पास है। पूर्ण स्वराज के लिए जो स्वतंत्रता सेनानियों ने संघर्ष किया अपने प्राणों की आहुति दी, जैसे गाँधीजी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, लाल बहादुर शास्त्री, लाल बाल पाल, ख़ुदी राम बोस इत्यादि इतिहास के पन्नों पर अंकित हज़ारों लाखों लोग और ऐसे भी जिनके त्याग और बलिदान को सिर्फ भारत की धरती ही जानती है, ऐसी अभूतपूर्व आज़ादी जिसके समक्ष हम सभी नतमस्तक है,
पर यहाँ आप सब से एक सवाल पूछना चाहती हूँ कि क्या हम सचमुच आज़ाद हुए हैं? क्या हमारी परिकल्पना के अनुसार राष्ट्र की संरचना हो गई है?
एक स्वच्छ भारत तो अब तक बना नहीं पाए, क्या ख़ाक देश का निर्माण किया है! आज भी भारत की मिट्टी गंदगी, भ्रष्टाचार, अशिक्षा, गरीबी, बेरोजगारी से जूझ रही है, भारत की बेटियाँ स्वयं को सुरक्षित माहौल में अपना जीवन देखना चाहती है, माना कि कोई भी देश परफेक्ट नहीं होता, उसे बेहतर बनाना पड़ता है। संविधान निर्माताओं ने संविधान लिखते हुए जिस आधुनिक भारत की कल्पना की थी, अभी तक वैसा देश नहीं बना है। आज भी देश में बंधुआ मजदूरी है, किसान आत्महत्या को मजबूर हो जाता है, सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर की लापरवाही से मासूम बच्चे मर जाते हैं, दुर्भाग्य है कि अभी तक देश में सच्चा गणतंत्र दिवस आया ही नहीं है, लेकिन जब जागो तभी सवेरा! अब समय आ गया लोकतन्त्र की ताक़त को इस्तेमाल करने का, स्वच्छ और सुंदर भारत के सपने को साकार करने के लिए देश के हर नागरिक को यानि कि हम सभी को प्रयास करना होगा। जब हम अपने घर को स्वच्छ रख सकते हैं तो देश को क्यों नहीं! अपने बेटों को महिलाओं के सम्मान की शिक्षा देनी है तो बेटियों को पढ़ा लिखा कर आत्मनिर्भर बनाना है, चारों ओर बस एक अलख जगाना है, राष्ट्र हित में किसी भी एक विशेष मुद्दे पर हम दृढ़ संकल्प लेकर अगर काम करेंगे तो निश्चित ही श्रेष्ठ भारत की रचना कर एक नया आयाम स्थापित करेंगे।
कर्तव्य है,
अधिकार है,
विचारों का अंबार है
स्वराज भी इसी से है,
इसी से वतन महान है
ये हमारा संविधान है।
दर्जनों भाषा ,
सैकड़ों विधि ,
हजारों विधान ,
जो जोड़ कर सबको साथ चले
ऐसा हमारा संविधान है।
समय आ गया है एक बार फिर नए संविधान की पुनरावृत्ति का… नागरिकता बिल के समर्थन हेतू आप सभी मेरा साथ दे यह कह कर …
वंदे  मातरम्!!!
जय हिन्द-जय भारत 🙏

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