धरती अम्बर चाँद सितारे लगते हैं कितने प्यारे जीवन के बंधन न्यारे प्रीतम छूटते टूटते तारे शोक नहीं मनाते सारे जो बीत गई वो रात है चाँद के बाद फिर से सूरज का आगाज़ है। Attachments area 2020-01-21