मेरी शायरी

हद से गुजरने की है ख़्वाहिश 
मुझे माफ़ कर देना
तेरे दिल में उतरने की फरमाइश़
मुझे माफ़ कर देना 
आज रात तेरे दीदार के ख़ातिर
पल भर जो अगर ठहर जाऊँ तो
मुझे माफ़ कर देना

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