दुख

दुख से ऊपर उठकर जीना
मानव जीवन की पहचान है
माना चिर सुख की चाहत
हर दिल का अरमान है। 

पल पल समय बदलता
अंधेरे के बाद ही तो
उजाले का विधान है।

दुख से ऊपर उठकर जीना
मानव जीवन की पहचान है। 

रात न आती तो क्या
हम देख पाते स्वर्ण विहान है
तो क्या खो जाएं

रात के अन्धकार में,
जी नहीं..
उगते सूरज की लालिमा से
होता जग उर्जावान है।

दुख से ऊपर उठकर जीना 
मानव जीवन की पहचान है। 

दुख से मत हो दुखी तुम
य़ह व्यर्थ नहीं है दर्शन
न ही कोई ज्ञान है
चहुँ ओर आभा मंडल से होता 
मानव जाति का कल्याण है

दुख से ऊपर उठकर जीना ही
मानव जाति की पहचान है।

जीवन के दृष्टिकोणों को
मिला आज नया आयाम है
दुखों से क्यूँ विलाप करे मित्र
कोयले की खदानों से निकलता
वह हीरा ही महान है। 

दुखों के बोझ से निकल जा ऊपर 
मन भर जी ले
पूरे कर ले दिल के अरमान है
यही मानव जीवन की पहचान है।

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