इक उम्र लगती है जीवन को समझने में रिश्तों को पिरोने में अनुभव को बटोरने में इक उम्र लगती है किनारों को ढूंढने में साहिल से तैरने में हवाओं को रोकने में इक उम्र लगती है शहर को बसने में गाँव को भूलने में बेगानों संग जीने में इक उम्रContinue Reading

वादा है तुझसे ए वतन अपना फ़र्ज़ निभाउंगा तिरंगे की सम्मान में अपना शीश नवाउंगा। दुश्मन आँख उठाए तो चीर के उसको आऊंगा माँ भारती की सुरक्षा में जीवन कुर्बान कर जाऊँगा। जय हिन्द

सात फेरे अग्नि समक्ष सात वचन इक दूजे संग रस्म जोड़ी गठबंधन सुंदर स्वरुप मन मोहक चितवन संगिनी के संग प्रेम प्रतीक जीवन सुख दुख त्रिवेणी संगम साथ हर पहर संगी साथी बन कटता आसान सफ़र पतझड़ मौसम का हर अलबेला राग संगिनी की खुशियाँ खुशबू सा अनुराग शिव अर्द्धनारीश्वरContinue Reading

मैंने खत लिखा। प्रेम राग दिखा।। दिया बाती जले। संगी साथी मिले।। खुशी रात दिन। नहीं तेरे बिन।। मन मोती हार। तुम पूर्ण सार।। मौन चित्त शांति। भक्ति शक्ति कांति।। युवा साज़ राग। मुख वाणी जाग। जग प्रीत जोड़ी। सीप शंख कौड़ी।। पथ फूल खिले। आभा हेम मिले।। गीत मूंगContinue Reading

शहीद की माँ हर आहट पर बैचैन है गाँव की पगडंडी पर बीत रही रैन है तिरंगा लिपटा पार्थिव देह अमर सपूत मुंतजिर हृदय ग़मगीन अश्रुपूरित नैन है।

लघु कथा आज अपने मित्र और उसकी दो बेटियों की वास्तविक कहानी आपके समक्ष प्रस्तुत करती हूँ। दोनों बेटियों के बीच तीन साल का अन्तराल। बड़ी बेटी नैना नाम के अनुरूप खूबसूरत, मृदुल स्वभाव, मैत्री भाव, पढ़ने में अव्वल, बुद्धिमान और अनुशासित है,विद्यालय में भी सभी शिक्षिकाएं भी उसे बेहदContinue Reading

तपस्या और तपस्वी जीवन होता यशस्वी ध्यान साधना भक्ति दृढ़ इच्छा परम शक्ति। तप में ताप ऊर्जा उष्मा तादात्म् आत्मा परमात्मा देह से दैविक चैतन्य सफ़र बड़ी कठिन जीवन डगर। भोग से ऊपर होता योग बिरलों को मिलता संयोग स्थूल से सूक्ष्म की यात्रा घटती भौतिक सुख मात्रा। निर्मल शुद्धContinue Reading

जज़्बातों की यह कहानी है अब भी गम में वो रवानी है अश्कों से भीगे मतवाले नैन राज़ ए दिल तुमको बतानी है दिल बैचैनी का तसव्वुर बेतकल्लुफ ये ज़वानी है चाँदनी रात के साये में बेहतरीन गज़ल सुनानी है वो शोखियाँ वो तबस्सुम हसरतों की फिर नादानी है गरमContinue Reading

एकता ,भाइचारा, देश प्रेम लघु कथा संस्मरण के रूप में कई समय से एक सवाल मन में कौंध रहा था कि क्या  चुनावी समय में,स्वाधीनता दिवस, गणतंत्र दिवस पर देश भक्ति के गानों से ही देश प्रेम और देश के प्रति कर्तव्य पूरा हो जाता है? संयोग से लद्दाख कीContinue Reading

खंड खंड काल खंड में भारत की सीमाओं ने गहरी चोट खाई है विभाजित बीज़ सृजित कर पुरातन संस्कृति को दफनायी है आज़ादी के बरसों बाद भी वंदेमातरम् विरोधी ध्वनि सुनाई है तुष्टीकरण की राजनीति से नेताओं ने की बड़ी रुसवाई है भूत भूलकर अब भविष्य काल में जनता नेContinue Reading