चीनी वस्तुओं का बहिष्कार अब नहीं तो कब?

मैं भारत माता साक्षात् तुम्हारे समक्ष हूँ
हृदय शूल वेदना से, आकुल व्यथित प्रत्यक्ष हूँ।

मेरे वीर बेटों को चीनी ने मार दिया
मेरी छाती पर दी गहरी चोट और वार किया
मेरे अंगों के टुकड़े देख कर
क्या तुममें अब भी अगन नहीं ज्वलित होती
अब और धीर नहीं धरा जाता
इस दुर्दशा को देखकर अब भी तुममें तड़प नहीं उठती

इस अपमान का बदला तुमको लेना होगा
कर दो बहिष्कार चीनी वस्तुओं का
कूड़ेदान में उठाकर फेंकना होगा
हत्यारों के अन्न को खाना बंद करो
मेरी नजर में तुम बलिदानी कहलाओगे
निर्वस्त्र होकर भी तुम संतों की
पराकाष्ठा पर पहुंच जाओगे।

आक्रोश भरा है मुझमें दूध का कर्ज़ मांग रही हूँ
कतरा-कतरा मेरे हर लहू का वतन का फ़र्ज मांग रही हूँ
मत छोड़ो इन दरिंदों को लगाया मानवता को कलंक
दहशत फैलाई कोरोना की मचाया खूनी आतंक।

करो आह्वान अपने जज़्बातों का हर साँस पर माँ भारती लिख डालो
मांगे प्राणों की भीख चीन तुमसे ऐसा हाल बना डालो
संकट के अवसर बना कर आत्म सम्मानी आत्म निर्भर
सशक्त सक्षम शक्तिशाली अपना भारत बना डालो।

बस तुम्हें बहिष्कार करना है, तुम चीन को ख़त्म कर सकते हो, तुम स्वयं के भीतर इतना सामर्थ्यवान हो कि उसे  लाचार बना सकते हो जिससे वो अवश्य अपने घुटने टेक देगा। अब और नहीं चलेगा “Made In China” उठो, कर्मठ बनो ये समय है सिर्फ और सिर्फ “Make In India” का, ये तुम ही कर सकते हो। चीन के दुस्साहस का मुँहतोड़ जवाब देना होगा।ये भारत माता के मन की आवाज़ है।

जय माँ भारती
भारत माता की जय।

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