एक पहल से सुप्रीम कोर्ट को आज एक निवेदन पत्र
देश में भारत बंद के आह्वान को हमेशा के लिए समाप्त करने का फैसला लिया जाना चाहिए। 135 करोड़ की जनसंख्या वाला भारत देश है जिसमें कोई भी कारण से कभी भी एक वर्ग समुदाय द्वारा भारत बंद के आह्वान से अन्य नागरिकों को बहुत कष्ट और नुकसान भुगतना पड़ता है मसलन अगर 200 लोग फैक्ट्री में काम करते हैं उन्हें घर बैठाकर तनख्वाह देनी पड़ती है साथ में उत्पाद भी रुक जाता है,अनावश्यक ही वाहनों का चक्का जाम कर दिया जाता है, हॉस्पिटल में मरीज़ों में अफरा तफरी मच जाती है, यातायात करने वाले नागरिकों के लिए भी अत्यंत दुर्भर होता है। सब ओर अव्यवस्थित माहौल हो जाता है, ये देश की विकास गति का पथ अवरुद्ध कर रहा है, इस पर सदा के लिए रोक लगा दी जानी आवश्यक है।
जापान की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि जब जब उन्हें सरकार से कोई विशेष मांग रही तो उन्होंने किसी भी गति को अवरुद्ध नहीं किया, अपितु वहाँ के नागरिकों का यही उद्देश्य रहा कि राष्ट्र को कोई क्षति न पहुँचे, इसलिए सभी हाथ पर काला रंग का पट्टा बाँधकर अपनी मांग, नाराजगी, असहमति, विरुद्धता जाहिर करते हुए काम को यथावत रखते हैं, तभी तो वह समृद्धिशाली शक्तिशाली जापान बना है।
आज आपके सामने एक आंकड़ा रखती हूँ, एक इंसान की औसत आयु 70 साल है और देश की जनसंख्या 135 करोड़ की है, ऐसे में भारत बंद के आह्वान से 53603 लोगों की पूरी जिंदगी बरबाद हो जाती है। भारत के कई प्रदेश हैं जहां स्ट्राइक की वज़ह से जीवन शैली इतनी प्रभावित रही है कि वहाँ के लोग औसत जीवन से भी बदतर जीवन जीते हैं।
अतः यह बेहद संवेदनशील विचारणीय विषय है। भारत की प्रगति और विकास में बाधक है, इसे सदा के लिए ख़त्म कर दिया जाए, ये आम जनता की आवाज़ है।
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