बदरिया

बदरा मोरी अटरिया में मचावे शोर
रिमझिम बरसे मेघ नाचे मन मोर।

पपीहा बोलन लागा मेढक देवे ताल
उछल उछल फुदक कर मचावे धमाल।

सूखी धरती लहलहा कर झूमन लागी
चमक चमक बिजुरिया ग़रजन लागी।

अमराई में झूलो भर आयो है 
मुखड़े पे बड़ो ही खुशियाँ लायो है। 

बलखाती छोरी कमर मटकावत 
छ्म छम बारिश में नाच दिखावत।

हियत मे उठत रहयो हिलोरे
प्रीतम की आस हृदय बटोरे। 

पुरवाई में झूमे पीपरा के पतवा
सबर के टूटे बाँध बैरी हुआ मनवा।

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