अलविदा 2020 के नाम पाती 

वर्ष 2020, 
आज तुम्हारे लिए कुछ लिखने को हृदय प्रेरित हुआ है, सोचती हूँ कहाँ से शुरू करूँ इसे, क्योंकि अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण साल जिसको जीवन की डायरी से कभी भुलाया नहीं जा सकता है।इस कोरोना काल ने सुख दुख दोनों को प्रतिबिंबित किया है। सुख परिवार का जिसे विगत सालों में हम भूलने लगे थे अपने माँ बाप रिश्तेदारों से हम ने ऐसी दूरियां बना ली थी कि पारिवारिक सुख हमारे जीवन में गौण हो गया था उसकी खिलखिलाहट और गर्माहट को इस काल में महसूस किया,रिश्तों में नव संचार हुआ, जो भारत की संस्कृति है।
वहीँ दूसरी ओर इस काल में मृत्यु का खौफनाक मंजर देखने को मिला है, आर्थिक तंगहाली, व्यापार का ठप्प होना, इंसान को इंसान से भय लगने लगा है। क्या कहूँ अब तुझसे ऐसे जीवन के साल के बारे में कभी सपने में भी नहीं सोचा था। हर दिन हल ढूंढने की तैयारी में लगे हुए हैं और कोरोना के वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
मानवता की सेवा करना हमारा परम कर्तव्य है, अभी भी बचे दिनों में सभी को स्वस्थ रहने की दुआ करती हूँ और अगले 2021 साल में सबके जीवन में उल्लास आ जाए , तुम्हारे साथ बीते खुशी के लम्हें याद रहे और बुरी यादों को सदा के लिए भूल जाएं इसी आशा और विश्वास के साथ।

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